!! श्रीगुरुभ्यो नमः !!
एकमप्यक्षरं यस्तु गुरुः शिष्यं प्रबोधयेत्।
पृथिव्यां नास्ति तद्रव्यं यद्दत्वा अनृणी भवेत्।।
अर्थात्- गुरु के द्वारा एक भी अक्षर का यदि ज्ञान दिया गया है तो वह अमूल्य है। इस पृथ्वी में ऐसी कोई सामग्री नही है जिसे देकर गुरु के ऋण को चुकाया जा सके। इस जगत् में कोई ऐसी वस्तु नहीं है जिससे गुरु की तुलना की जा सके।
#गुरुपूर्णिमाया_शुभाशया: 🙏🏼
डॉ. जितेन्द्रतिवारी