#राधिकायै_नमः
राधा साध्यं साधनं यस्य राधा
मन्त्रो राधा मन्त्रदात्री च राधा।
सर्वं राधा जीवनं यस्य राधा
राधा राधा वाचिकं तस्य शेषम्।।
जिस जीव का साध्य राधा हैं और उनको पाने का साधन भी राधा एवं राधा नाम ही है। मन्त्र भी 'राधा' है और मन्त्र देने वाली गुरु भी स्वयं राधा ही हैं। जिसका सब कुछ ही राधा हैं और जीवन प्राण भी राधा ही हैं। ऐसे जीवों को पाने के लिए लिए शेष कुछ बचता ही नहीं है। अर्थात् उन्होंने सब कुछ प्राप्त कर लिया है।
राधाष्टम्या: मङ्गलकामना: ।।