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Agartala, Tripura, India
डॉ. जितेन्द्र: तिवारी संस्कृतभाषी, संस्कृतानुरागी Mob. 9039712018/7005746524
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संस्कृतसुभाषितम्


यावद्वित्तोपार्जनसक्तः
तावन्निजपरिवारो रक्तः।
पश्चाज्जीवति जर्जरदेहे
वार्तां कोऽपि न पृच्छति गेहे॥

अर्थात् - जब तक व्यक्ति धनोपार्जन में समर्थ है, तब तक परिवार में सभी उसके प्रति स्नेह प्रदर्शित करते हैं परन्तु अशक्त हो जाने पर उससे सामान्य बातचीत में भी कुछ नहीं पूछा जाता है। अतः जीवन अनमोल है भगवान् में आसक्त होकर गोविन्द को भजना श्रेयस्कर होता है।
#संस्कृतम् #सुप्रभातम् 🙏

डॉ. जितेन्द्र तिवारी


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