About Me

My photo
google
Agartala, Tripura, India
डॉ. जितेन्द्र: तिवारी संस्कृतभाषी, संस्कृतानुरागी Mob. 9039712018/7005746524
View my complete profile

संस्कृतसुभाषितम्


पृथ्वी सत्पुरुषं विना न रुचिरा चन्द्रं विना शर्वरी
लक्ष्मीर्दानगुणं विना वनलता पुष्पं फलं वा विना।
आदित्येन विना दिनं सुखकरं पुत्रं विना सत्कुलम्
धर्मो नैव धृतः सदा श्रुतधरैः शीलं विना शोभते॥

अर्थात् - जैसे पृथ्वी सत्पुरुष के बिना, रात्रि चाँद के बिना, लक्ष्मी दान के गुण बिना, वनलता फूल और फल के बिना, दिन सूर्य के बिना, सत्कुल सुख देनेवाले पुत्र के बिना शोभा नही देता, वैसे ही विद्वान लोगों द्वारा आचरण किया हुआ धर्म, शील के बिना शोभा नही देता। सुप्रभातम् 🙏



डॉ. जितेन्द्र तिवारी

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.